मोदी सरकार के दौर में तीन गुना हुआ सेंसेक्स, ऐसा रहा 25 हजार से 75 हजार का सफर
दिनेश अग्रहरि
भारतीय शेयर बाजार ने 10 अप्रैल 2024 को एक नई चोटी फतह की। बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) पहली बार 75 हजार के पार बंद हुआ। साल 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जब राजग की सरकार बनी थी तो इसे लेकर कारोबारी काफी बुलिश थे और तब सेंसेक्स 25 हजार तक पहुंचा था। आज पिछले दस साल में मोदी सरकार के शासन के दौरान सेंसेक्स ने 25 हजार से 75 हजार की यात्रा पूरी कर ली है।
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (जिसे अब BSE लिमिटेड कहा जाता है) की स्थापना 1875 में ही हो गई थी। यह एशिया का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज है। हालांकि 30 दिग्गज शेयरों वाले बीएसई के सूचकांक सेंसेक्स की शुरुआत 1 जनवरी 1986 को हुई। इसका बेस ईयर 1978-79 को माना गया और 1 अप्रैल 1979 के आधार पर इसकी बेस वैल्यू 100 मानी गई। सेंसेक्स नाम असल में सेंसेटिव इंडेक्स का शॉर्ट फॉर्म है। इस तरह सेंसेक्स को अपने 100 से 25 हजार के आंकड़े तक पहुंचने में करीब तीन दशक लग गए, लेकिन इसने अगले एक दशक में ही 25 हजार से 75 हजार तक का रास्ता तय कर लिया।
मोदी सरकार की शुरुआत और सेंसेक्स
साल 2014 में मोदी सरकार बनने से पहले के आंकड़ों को देखें तो 18 जनवरी 2013 को सेंसेक्स 20 हजार के अहम बिंदु के पार बंद हुआ था, लेकिन इसके 20 से 25 हजार तक पहुंचने में सिर्फ डेढ़ साल लगे। साल 2014 के मई महीने में केंद्र में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राजग की सरकार बनी। एक स्थायी सरकार बनने को लेकर शेयर बाजार में अच्छा सेंटिमेंट देखा गया। इसके बाद 16 मई 2014 को ही सेंसेक्स 25,364 के स्तर तक पहुंच गया था, हालांकि यह बंद 25 हजार से नीचे हुआ। 5 जून 2014 को सेंसेक्स 25,019.51 पर बंद हुआ।
25 हजार से 40 हजार का सफर
इसके बाद सेंसेक्स को 25 से 30 हजार तक पहुंचने में करीब तीन साल लग गए। साल 2017 के अप्रैल महीने की 26 तारीख को सेंसेक्स 30,133.35 पर बंद हुआ, लेकिन इसके अगले एक साल में ही सेंसेक्स 35 हजार के लेवल पर पहुंच गया। 17 जनवरी 2018 को सेंसेक्स 35,081.82 पर बंद हुआ। इसके बाद सेंसेक्स को 40 हजार के स्तर तक पहुंचने में अगले करीब 22 महीने लग गए। 30 अक्टूबर 2019 को सेंसेक्स 40,051.87 के स्तर पर पहुंच गया।
कोरोना संकट का दौर
साल 2020 में कोरोना का भयावह दौर आ गया। इसकी वजह से जनवरी 2020 में 42 हजार के करीब पहुंचा सेंसेक्स मार्च 2020 में लॉकडाउन के बाद धराशायी होकर 25981.24 तक पहुंच गया। हालांकि कोरोना संकट में लोगों का घर बैठना शेयर बाजार के लिए वरदान साबित हुआ। जब कोई कारोबार नहीं चल रहा था, निवेश के साधन नहीं थे, तब शेयर बाजार ही लोगों के लिए एक नई उम्मीद बना जिसमें कारोबार घर बैठे किया जा सकता था। बड़ी संख्या में नए डीमैट खाते खुले और खासकर युवा, महिला निवेशक शेयर बाजार में हाथ आजमाने लगे। विदेशी निवेशकों को भी भारत के शेयर बाजार में पैसा लगाना आकर्षक लगने लगा। अप्रैल 2020 के अंत से फिर सेंसेक्स में तेजी आने लगी। इसकी वजह से सेंसेक्स को 40 से 50 हजार के आंकड़े तक पहुंचने में सिर्फ 15 महीने लगे।
30 अक्टूबर 2019 को सेंसेक्स पहली बार 40 हजार के पार बंद हुआ था। लेकिन विदेशी निवेश प्रवाह और घरेलू निवेशकों के दम पर सेंसेक्स करीब एक साल में ही 40 से 45 हजार तक पहुंच गया. 4 दिसंबर, 2020 को सेंसेक्स 45079.55 पर बंद हुआ। इसके बाद करीब डेढ़ महीने में ही 21 जनवरी 2021 को सेंसेक्स 50 हजार के पार पहुंच गया।
50 से 60 हजार की तेज यात्रा
सेंसेक्स को 50 हजार से 60 हजार के आंकड़े तक पहुंचने में सिर्फ 8 महीने लगे। 21 जनवरी 2021 को सेंसेक्स 50 हजार के पार पहुंचा था, हालांकि इस आंकड़े के पार यह 50,255.75 पर बंद 3 फरवरी 2021 को हुआ। इसके बाद सेंसेक्स ने 24 सितंबर 2021 को 60 हजार का आंकड़ा पार किया और 60,048.47 पर बंद हुआ।
60 हजार से 75 हजार की ऐसी रही यात्रा
इसके बाद सेंसेक्स की चाल थोड़ी सुस्त रही। इसकी वजह थी पिछले दो साल में तमाम अंतरराष्ट्रीय घटनाक्रम जिनका दुनिया भर के बाजारों पर गहरा असर पड़ा। रूस-यूक्रेन जंग जैसे भू-राजनीतिक हालात, कई देशों में आर्थिक सुस्ती आदि वजहों से भारतीय बाजार में भी काफी उतार—चढ़ाव रहे। बीएसई सेंसेक्स को 60 हजार से 75 हजार तक पहुंचने में करीब ढाई साल लग गए।
तीन जुलाई 2023 को सेंसेक्स ने 65 हजार के आंकड़े को पार किया और इस दिन 65,205.05 पर बंद हुआ, लेकिन अगले छह महीने में ही इसने 70 हजार का आंकड़ा पार कर लिया। सेंसेक्स 11 दिसंबर 2023 को कारोबार के दौरान 70 हजार के पार जरूर हुआ, लेकिन इस दिन अंत तक इस पर टिका नहीं रह पाया। इसके बाद 14 दिसंबर को पहली बार सेंसेक्स 70 हजार के पार 70,514.20 पर बंद हुआ।
इसके बाद अगले चार महीने में ही अब सेंसेक्स ने 75 हजार का आंकड़ा पार कर लिया है। मंगलवार 9 अप्रैल 2024 को ही यह कारोबार के दौरान यह 75,124.28 के उच्च स्तर तक पहुंच गया था, लेकिन अंत में काफी टूट गया और 74,683.70 पर बंद हुआ। इसके बाद यह बुधवार 10 अप्रैल को कारोबार के दौरान 75,105.14 की ऊंचाई तक पहुंचा और कारोबार के अंत में यह करीब 354 अंकों की तेजी के साथ 75,038.15 पर बंद हुआ। इस तरह मोदी राज के दौरान सेंसेक्स में करीब तीन गुना की बढ़त हो चुकी है।